अक्सर आप लोगों ने स्टार्टअप शब्द के बारे में सुना ही होगा क्योंकि न्यूज़ पेपर, न्यूज़ चैनल में या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से स्टार्टअप सक्सेस स्टोरी, किस स्टार्टअप कितनी फंडिंग मिला, कौन सा स्टार्टअप यूनिकॉर्न बना इस तरह के न्यूज बार-बार सुनने को मिलता है। अगर आप यह नहीं जानते हैं की स्टार्टअप क्या है? [what is startup in hindi] तो हम आज इस आर्टिकल में स्टार्टअप के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।
स्टार्टअप क्या है?
स्टार्टअप एक तरह का बिजनेस ही होता है जो अपने शुरुआती चरण में होता है। स्टार्टअप किसी भी फील्ड के मार्केट की समस्या को यूनिक तरीके से सॉल्व करता है और उससे संबंधित प्रोडक्ट या सर्विसेज का निर्माण करके उसे मार्केट में सेल करके पैसे कमाता है।
स्टार्टअप एक या एक से अधिक लोगों के द्वारा शुरू किया गया बिजनेस है जिनको हम फाउंडर या को फाउंडर भी कहते हैं। स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंड की भी आवश्यकता होती है जिसे फाउंडर अपने पैसों से या फिर फ्रेंड और फैमिली के द्वारा शुरू कर सकता है। या तो फिर अपने यूनिक आइडिया पर इन्वेस्टमेंट भी ले सकता है।
स्टार्टअप शुरू करने के लिए इन्वेस्टमेंट तो बहुत ज्यादा लगता है, लेकिन वह कम प्रॉफिट पर काम करता है, क्योंकि स्टार्टअप का उद्देश्य लोगों की समस्या का समाधान करना और थोड़ा प्रॉफिट कामना होता है।
स्टार्टअप फेल होने के ज्यादा चांस होते हैं लेकिन स्टार्टअप को अगर पूरी मेहनत और लगन के साथ इनोवेशन और स्ट्रेटजी लगाकर शुरू किया जाए तो इसमें आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट और बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा।
स्टार्टअप के फाउंडर एक प्रोडक्ट या सर्विस पर काम करते हैं और उसको मार्केट में लाने का प्रयास करते हैं। स्टार्टअप पूर्ण रूप से विकसित बिजनेस मॉडल नहीं होता है यह अभी विकासशील होते हैं और धीरे-धीरे एक बड़ा बिजनेस का रूप ले लेते हैं।
स्टार्टअप कैसे काम करता है?
स्टार्टअप कंपनी भी दूसरे बिजनसन की तरह ही काम करती हैं इसमें भी एम्पलाई मिलकर एक प्रोडक्ट बनाते हैं और उसे मार्केट में सेल करते हैं ,लेकिन स्टार्टअप को बिजनेस से जो चीज अलग बनाती है वह है स्टार्टअप का यूनिक तरीका यानी स्टार्टअप किसी भी प्रॉब्लम को यूनिक तरीके से सॉल्व करना।
जैसे अगर आपको एक किराने का दुकान खोलना है तो आप सामान्य तौर पर एक जगह रूम लेकर दुकान खोलते हैं और कस्टमर के आने का इंतजार करते हैं या फिर किसी भी बिजनेस की फ्रेंचाइजी लेते हैं, जो की पुराना तरीका है।
वही स्टार्टअप को अगर किराने का दुकान खोलना है तो वह किराने से संबंधित आने वाली समस्याओं पर विचार करेगा और उसे कोई समस्या नजर आती है तो उसे सॉल्व करने के लिए बिल्कुल नया बिजनेस मॉडल तैयार करेगा।
जैसे: कस्टमर को ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी करना वह भी उसी प्राइस पर जो कस्टमर को मार्केट में मिलता है। तो कस्टमर को मार्केट या दुकान पर जाने की समस्या का समाधान भी हो जाएगा और स्टार्टअप को ऑनलाइन के थ्रू लाखों कस्टमर भी आसानी से मिल जाते है।
स्टार्टअप के उद्देश्य
स्टार्टअप अपने आइडिया पर बहुत तेजी से काम करता है और अपने लक्ष्य के प्राप्त के लिए सबसे पहले एक बुनियादी प्रोडक्ट का निर्माण करता है और इसको मार्केट में लांच करता है । वह लोगों के फीडबैक, सुझाव और मार्केट के डिमांड के हिसाब से अपने प्रोडक्ट में धीरे-धीरे सुधार करता है।
जब आप अपने स्टार्टअप के कस्टमर बेस को बढ़ाना चाहेंगे और अपने स्टार्टअप को बड़ा करना चाहेंगे तो आपको फंड की आवश्यकता होगी और इन्वेस्टर से आपको मदद लेनी होगी।
स्टार्टअप के लिए फंड कैसे लाये
- स्टार्टअप को कई राउंड की फंडिंग से पैसे जुटाने पड़ते है। पहली फंडिंग फाउंडर्स और उनके फ्रेंड, फैमिली के द्वारा बिजनेस मेंनिवेशकरते हैं जिसे हम बूटस्ट्रैप फंडिंग कहते हैं।
- इसके बाद सीड फंडिंग जो एंजेल इन्वेस्टरों से आती है एंजल इन्वेस्टर के तौर पर वह लोग जो बहुत पैसे वाले होते हैं और वह किसी भी कंपनी के शुरुआती स्टेज में इन्वेस्ट करते हैं।
- और इसके बाद स्टार्टअप कंपनी में ए बी सी और डी राउंड की फंडिंग होती है जो बड़े व्यवसाययों, इन्वेस्ट फार्मो द्वारा करोड़ों रुपए इन्वेस्टमेट की जाती है।
- और अंत में स्टार्टअप कंपनी सार्वजनिक इन्वेस्टमेंट लेने के लिए आईपीओ, एक्विजिशन एस पैक और डायरेक्ट स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करती हैं।
स्टार्टअप को सफल कैसे बनाएं
बहुत सारे स्टार्टअप सक्सेस नहीं हो पाते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी स्टार्टअप फेल हो जाते हैं कुछ स्टार्टअप सफल भी होते हैं। स्टार्टअप सफल बनाने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों का ध्यान रखना होता है।
क्या आपकी टीम के लोग स्टार्टअप आइडिया के लिए पैशनेट हैं? आपका स्टार्टअप आइडिया कितना भी अच्छा क्यों ना हो आपकी टीम के लोग अगर पूरी मेहनत के साथ लग्न के साथ काम नहीं कर रहे हैं तो वह फेल हो जाएगा।
क्या फाउंडर के पास उसे क्षेत्र की जानकारी है? फाउंडर्स को उस फील्ड के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिस फील्ड में वह अपना स्टार्टअप शुरू करना चाह रहे हैं।
क्या वे समय दोने को तैयार हैं?शुरुआत में कर्मचारियों को बहुत मेहनत और बहुत ज्यादा समय देने की आवश्यकता होती है। मेटलाइफ और यू.एस. चैंबर ऑफ कॉमर्स के 2018 के सर्वेक्षण में पाया गया कि स्टार्टअप मालिक एक दिन में 14 से अधिक घंटे काम करते है ।किसी भी स्टार्टअप की टीम अगर अपने स्टार्टअप को समय देने के लिए तैयार नहीं है तो स्टार्टअप को सफल बनाने में कठिनाई हो सकती है।
जो आईडिया आपने चुना है वहीं क्यों और अभी क्यों शुरू करें?क्या आपका आईडिया एकदम नया आईडिया है अगर हां तो इससे पहले लोगों ने इसको क्यों नहीं शुरू किया।
मार्केट कितना बड़ा है? किसी भी स्टार्टअप के मार्केट साइज स्टार्टअप केअवसर को बताता है। यदि मार्केट साइट छोटा है तो आपके स्टार्टअप को मार्केट में सरवाइव करना बड़ा मुश्किल हो जाता है। यदि कोई स्टार्टअप इस तरह के प्रश्नों को पूरा करती हैं तो वह सफल हो सकता हैं।
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